मोक्ष नहीं स्वीकार मुझे मोक्ष जीवन के उस पार किसने देखा, किसने समझा, मोक्ष का वह अवतार ! गर किसी ने देखा भी, तो मैं नहीं वह महावतार !! मेरा मोक्ष मेरा जीवन, मेरा मोक्ष मेरा जीवन सौंदर्य मोक्ष मेरी जीवन संघर्ष यात्रा मोक्ष मेरा जीवन संतोष !! मोक्ष आह्लाद, मोक्ष मेरा प्यार, मेरा दुलार मोक्ष मेरी पूजा, मेरा अर्पण मोक्ष अपने वो, जिनसे शीतल, मैं पूर्ण ! मोक्ष मैं अप्पूर्ण यात्री,आगे बढ़ता, पूर्णता तलाशता मोक्ष मेरा जप, मेरा तप, मेरी तपस्या मोक्ष मेरा संस्कार, सद्भाव व सदरभाव ! मोक्ष समष्टि समर्पन, दरिद्र नारायण के प्रति यथाशक्ति अर्पण, मोक्ष मेरे अभिन्न, अंतरंग और परिवार; उनका सान्निध्य हंसी मज़ाक,प्यार दुलार, लड़ना झगरना,रूठना मनाना - इनके सौंदर्य मेरे मोक्ष! मोक्ष प्रकृति का प्रसाद, ब्रह...
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Ek kahani Jivan Bhi